उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है, दिल टूट कर बिखरता है इस कदर, जैसे कोई कांच का खिलौना चूर- चूर होता है।This is often the custom of Ulfat, The one whom you love stays away from you, The heart breaks and shatters like this, Like a glass toy shattering.